MAGAZINE 2019 -20








                           महावीर सिंह 
                                प्राचार्य 
                  विद्याकुंज माध्यमिक विद्यालय 

                 प्रधानाचार्य की कलम से 
         पाठकों यह अंक मूल्य शिक्षा को समर्पित है। शिक्षा का उद्देश्य छात्रों के दैनिक जीवन मैं सादगी के भाव के साथ आदर्श का पालन करना है। जिससे वे सदाचारी एवं बलवान बनें और अपनी शिक्षा का उपयोग सामाजिक विकास तथा राष्ट्र निर्माण में करें। आज छात्र जीवन का वास्तविक मूल्यांकन न कर , पदवी एवं संपति पर अधिक ध्यान दिया जाता है। मनुष्य को निर्भय, अंहकार रहित, निःस्वार्थ बनाना ही शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिए। वर्तमान में छात्रों की शिक्षा कुछ अधिक पुस्तकीय हो गई है। वे व्यवहारिक उपयोगी ज्ञान की अपेक्षा डिग्री एव॔ ग्रेड्स प्राप्ति के पीछे ही परेशान रहते है। छात्र अपने कालेज जीवन में भी लक्ष्यरहित है। उनका कोई निश्चित लक्ष्य नही रहता । आत्म विकास तथा निज देश जाति को वैभवशाली बनाने में हाथ बंटाना ही उसका उद्देश्य होना चाहिए।

       ये ही आदर्श है जिनको अधिक उत्साह के साथ व्यवहारिक रूप में छात्र-छात्राओ के सम्मुख रखने की आवश्यकता है। मेरे विचार में यही शिक्षा मूल्य रखकर देश में परिवर्तन लाया जा सकता है एवं एक नये समाज नये भारत की परिकल्पना की जा सकती है।
        पाठकों उपरोक्त सभी मूल्यों को छात्र-छात्राएं सरलता से सीख सकें व जीवन आचरण में अपना सकें इसके लिए हमारी शाला सदा प्रयत्नशील रही है व रहेगी। इस हेतु हमने शाला के सभी छात्र-छात्राओ कों चार सदनों में बांटा हुआ है, जिन्हें समय - समय पर अनेक गतिविधियां करने को दि जाती है जिससे छात्रों में कार्य को स्वयं करने व अन्य से बेहतर करने की भावना जाग्रत होती है। शाला में एक मंत्री परिषद भी बनायी गयी है। जिसमें कक्षा 5 से 9 तक के छात्र-छात्राओ कों शामिल किया जाता है वे छात्र प्रातः प्रारंभ होने से लेकर छुट्टी होने तक एक - एक बच्चा घर चला जाए तब तक सभी गतिविधियां स्वयं संभालते हैं जिससे बच्चों में अनुशासन व नेतृत्व की भावना का विकास होता है। 
         हर साल शाला में हिन्दी व अंग्रेजी की वाद-विवाद प्रतियोगिताओ का इंटर स्कूल व इंटर कॉलेज स्तर पर आयोजन किया जाता है जिसमें बच्चे दूसरे स्कूल व काॅलेज के साथ भाग लेते है जिससे उनमें आत्मविश्वास का विकास होता है। इन सब के अलावा अन्य गतिविधियां भी संचालित रहती है जिससे प्रत्येक छात्र को अपने आपको परखने का व आगे बढ़ने का मौका मिलता है। शिक्षण, प्रशिक्षण में किसी प्रकार की कमी ना रहे इस हेतु स्कूल समय 
के अलावा अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर भी प्रत्येक बच्चे पर अच्छे से ध्यान देकर कार्य किया जाता है।
        ये सभी गतिविधियां मूल्य शिक्षा को समर्पित है। आशा करता हूँ कि इनसे सभी उद्देश्य पूरे हो सकेंगे।
              धन्यवाद 
                                               महावीर सिंह 
                                              प्राचार्य, विद्याकुंज