"जीवन में हमें कभी सब कुछ नहीं मिलता."

        "जीवन में हमें कभी सब कुछ नहीं मिलता."
                     *पूरा महसूस हो रहा है*

एक मकान के पास काफी समय से एक बड़ी इमारत का निर्माण हो रहा था. हर दिन, मजदूरों के छोटे बच्चे वहां इकट्ठा होते थे और एक-दूसरे की शर्ट पकड़कर ट्रेन का अभिनय करने का खेल खेलते थे. 

हर दिन, बच्चों में से एक इंजन बन जाएगा और अन्य बच्चे कोच बन जाएंगे.

इंजन और कोच चलाने वाले बच्चे हर दिन बदलते थे, लेकिन...

केवल शॉर्ट्स पहनने वाला एक छोटा बच्चा हर दिन ट्रेन गार्ड बन जाता था और अपने हाथ में कपड़ा लहराता था.

एक दिन मैंने देखा कि एक व्यक्ति जो उन बच्चों को हर दिन खेलते हुए देख रहा था, उसने गार्ड बनने वाले बच्चे को उत्साह से पुकारा. उस ने उस से पूछा, हे बालक, तू प्रतिदिन पहरेदार बन. क्या आप कभी भी इंजन या कभी-कभी कोच नहीं बनना चाहते?"

इस पर बच्चे ने कहा, "सर, मेरे पास पहनने के लिए कोई शर्ट नहीं है. तो मेरे पीछे के बच्चे मुझे कैसे पकड़ेंगे।।। और मेरे पीछे कौन खड़ा होगा?" 

फिर जोश और जोश के साथ बोला, "इसीलिए मैं हर दिन खेल में हिस्सा लेने के लिए गार्ड बन जाता हूं. मुझे बस सबके साथ खेलना है." कहते-कहते बच्चा वापस अपने दोस्तों के पास गया और खेलने में मगन हो गया.

उस पल में, उस बच्चे के रवैये में कोई शिकायत नहीं थी, न ही कमी की भावना!

मैं लड़के की बात और उसकी हालत पर कुछ पल के लिए वहीं रुक गया. उस दिन, उस बच्चे ने मुझे जीवन का एक बड़ा सबक सिखाया...

जीवन में हमें कभी सब कुछ नहीं मिलता.

बच्चा अपने माता-पिता से नाराज हो सकता है और रोते हुए घर बैठ सकता है. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और स्थिति का समाधान ढूंढ लिया.

लेकिन _हम_ कितना रोते हैं?

कभी-कभी हमारी शक्ल-सूरत पर, कभी छोटी ऊंचाई के लिए, कभी पड़ोसी की बड़ी कार के लिए, कभी पड़ोसी की पत्नी के हार के लिए, कभी परीक्षा में कम अंकों के लिए, कभी भाषा न जानने के लिए, कभी हमारे व्यक्तित्व के कारण, कभी नौकरी के लिए और कभी-कभी व्यापार मंदी... जब तक हम बाहर जीवन की पूर्णता और पूर्णता की तलाश करते हैं, तब तक अपूर्णता की भावना होती है. लेकिन जब हम अपने भीतर के हृदय से जुड़ते हैं, तब जो भी स्थिति होती है, हम उसमें पूर्ण महसूस कर पाते हैं, और आनंद की स्थिति में रहते हैं.

बाज की ऊंची उड़ान देखकर छोटा पक्षी कभी अवसाद में नहीं जाता। [+],

वह अपने अस्तित्व का आनंद लेती है,

लेकिन इंसान दूसरे इंसानों की ऊंची उड़ान देखकर बहुत जल्दी परेशान हो जाते हैं.

तुलना और ईर्ष्या हमारे जीवन को सीमित करती है.

किसी से ईर्ष्या नहीं, किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं..!

मेरी अपनी मंजिलें हैं, अपनी गति है..!

*"स्थितियाँ कभी समस्या नहीं बनतीं, समस्या इसलिए पैदा होती है क्योंकि हम नहीं जानते कि उन स्थितियों से आगे कैसे जाना है."*

                          ️

*"जिन बातों की हम हर वक्त शिकायत करते हैं, वे हमारे अंदर के स्वभाव को बदल देती हैं. हमारे पास जो कुछ है उसके लिए आभारी होना एक बिल्कुल अलग स्तर बनाता है."*

💐🙏